23 मार्च, 2024 को, लीमा, पेरू में, श्री प्रेम रावत जी ने व्यक्तिगत रूप से कार्यक्रम में भाग लेने वाले एक छोटे दर्शक वर्ग को संबोधित किया, जबकि 7,000 से अधिक ऑनलाइन दर्शकों ने सीधे प्रसारण का आनंद लिया।
केवल 60 मिनट में, श्री प्रेम रावत जी के अलिखित संबोधन ने जीवन के उपहार की कैसे सबसे बढ़िया तरीके से सराहना करनी चाहिए, समझना और आनंद लेना चाहिए इस विषय पर लोगों को प्रेरित किया।
हालाँकि आंतरिक संघर्ष हो सकते हैं, उन्होंने दर्शकों से आग्रह किया कि वे अभी से अंत तक, प्रकृति की शक्ति की तरह, स्वयं के साथ एक शक्तिशाली संबंध बनाने पर ध्यान केंद्रित करें।
श्री प्रेम रावत जी के निर्देश पर दक्षिण अमेरिकी दौरे के सभी सीधे प्रसारण और पुनः प्रसारण 15 अप्रैल, 2024 तक स्पेनिश और पुर्तगाली भाषियों के लिए निःशुल्क उपलब्ध है। हालाँकि किसी खाते की आवश्यकता नहीं है, किन्तु एक निःशुल्क बुनियादी खाता यह सुनिश्चित करता है आपको टाइमलेस टुडे से आवश्यक जानकारी और अपडेट प्राप्त हों।
व्यक्तिगत कल्याण को बढ़ावा देने के लिए अपने दीर्घकालिक समर्पण की पुष्टि करते हुए, 26 नवंबर, 2023 को गया, भारत में, श्री प्रेम रावत जी ने 375,603 उपस्थित लोगों की एक सभा को संबोधित किया। चाहे किसी एक व्यक्ति को संबोधित करना हो या विश्व रिकॉर्ड तोड़ना हो, उनकी प्रतिबद्धता अटल रहती है।
इस कार्यक्रम को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स द्वारा "एक भाषण में सबसे बड़ी उपस्थिति" के लिए मान्यता प्राप्त हुई। श्री प्रेम रावत जी कठिनाई में भी व्यक्तिगत सशक्तिकरण को बढ़ावा देते हैं, यह अद्वितीय दृष्टिकोण भी उजागर हुआ। उन्होंने 'स्वयं को जानने' की व्यक्तिगत तृप्ति पर ध्यान केंद्रित किया।
गिनीज़ वर्ल्ड रिकार्ड्स की ओर से निर्णायक श्री प्रवीन पटेल, निर्णायक श्री स्वप्निल डंगरीकर और प्रोफ़ेसर डॉक्टर अनुराधा जी इस कार्यक्रम के साक्षी बने और बड़े सम्मान के साथ उन्होंने यह गिनीज़ विश्व कीर्तिमान श्री प्रेम रावत जी को प्रदान किया।
टाइमलेस टुडे® ने 86 देशों के 21,000 दर्शकों के लिए इस कार्यक्रम को सीधा प्रसारित किया, जिसमें 17,000 दर्शक सम्पूर्ण भारत से इस सीधे प्रसारण में भाग ले रहे थे।
इस ‘आधिकारिक तौर पर अद्भुत’ कार्यक्रम (ऑफ़िशाली अमेज़िंग) का पुनः प्रसारण अब सभी के लिए टाइमलेस टुडे® ऐप्प और वेबसाइट पर और श्री प्रेम रावत जी के आधिकारिक YouTube चैनल - प्रेम रावत ऑफ़िशल पर सुविधानुसार आनंद लेने के लिए निःशुल्क उपलब्ध है।
इंटेलिजेंट एक्सिस्टेंस® 22 नवंबर, 2023 को रांची, भारत में आयोजित प्रेम रावत जी के जिज्ञासा फोकस सत्र से इस प्रेरक सामग्री को प्रस्तुत करता है।
अपने क्लासिक या प्रीमियर सदस्यता के साथ टाइमलेस टुडे® ऐप्प अथवा वेबसाइट पर देखें।
इस सामग्री को संसार भर में स्थानीय समुदायों के लिए भी निःशुल्क उपलब्ध कराया जाएगा। अधिक जानकारी के लिए हमारे साथ बने रहें।
वर्तमान में यह हिंदी में उपलब्ध है, अन्य भाषाओं में भी जल्द ही उपलब्ध कराया जाएगा।
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इंटेलिजेंट एक्सिस्टेंस® 22 नवंबर, 2023 को रांची, भारत में आयोजित प्रेम रावत जी के जिज्ञासा फोकस सत्र से इस प्रेरक सामग्री को प्रस्तुत करता है।
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"जीवंत ज्ञान" - 2023 में हुए श्री प्रेम रावत जी के जानिए और समझिये™ अभिसरण सत्रों से प्रभावशाली अंशों के संकलन को प्रसारित करते हुए इंटेलिजेंट एक्सिस्टेंस® की टीम अति उत्साहित है।
अवधि : 2 घंटे, 51 मिनट
टाइमलेस टुडे की ऐप्प अथवा वेबसाइट पर अभी देखें।
“जीवंत ज्ञान” श्री प्रेम रावत जी द्वारा समस्त क्लासिक और प्रीमियर सदस्यों के लिए एक भेंट है। यह जल्द ही स्थानीय समुदायों में देखने के लिए भी उपलब्ध होगा।
अंग्रेजी, हिंदी, स्पेनिश, फ्रेंच, इतावली और तमिल में उपलब्ध अन्य भाषाएँ शीघ्र ही उपलब्ध होंगी।
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प्रेम रावत
दुनियादारी की जो बातें हैं, उनमे लोग ऐसा उलझ जाते हैं कि पूछो मत।
यहाँ कोई ऐसा नहीं है बैठा हुआ, जिसको यह नहीं मालूम हो कि एक दिन जाना है। और कितने दिन तुम यहाँ रहोगे। ये जो तुम्हारा समय है, ये कितना लम्बा है?
सोंचने की बात है। सोंचना इसके बारे में। अपने आप को बिना सोंचे जवाब मत देना।
सोंचना।
जो तुम्हारा यहां समय है, जबसे तुम पैदा हुए और जिस दिन तुमको जाना है, वह समय कितना लम्बा है ? तुमको तो लम्बा लगता है। तुमको तो 24 घाटे लम्बे लगते हैं। तुमको एक दिन ज़्यादा लम्बा लगता है।
दो दिन...कोई कह दे, "हाँ चार दिन के बाद आएगा।" "चार दिन के बाद? अरे यह तो बहुत समय हो गया।"
हर एक चीज़ तुमको तुरंत चाहिए तुरंत, तुरंत, तुरंत, तुरंत, तुरंत। हर एक चीज़।
लोगों को 15 घाटे हवाई जहाज में बैठना पड़ता है, लोगों को अच्छा नहीं लगता। वो चाहते हैं कि हवाई जहाज उड़े और नीचे उतरे। बस, पहुँच जाएं, तुरंत। बस में, तुरंत। और एक घंटे की यात्रा है, दो घंटे की यात्रा है, तीन घंटे की यात्रा है, चार घंटे की यात्रा है, ये तुमको बड़ी लगती है। बहुत ज़्यादा है। पर तुम्हारी यात्रा, तुम्हारी। बस की नहीं, टैक्सी की नहीं, स्कूटर की नहीं, हवाई जहाज की नहीं, पानी के जहाज की नहीं, तुम्हारी यात्रा कितनी लम्बी है ?
अगर किसी से कहा जाए कि, "पछत्तर साल के बाद मिलेंगे", तुमको नहीं लगेगा कि पछत्तर साल तो बहुत होते हैं? पछत्तर साल के बारे में तो मच्छर सोंच भी नहीं सकता है कि वो कितना समय है।
पर जो तुमको लगता है कि अभी तुम्हारे पास समय है, ये माया का प्रकोप है। क्योंकि यह है नहीं। और उससे पहले कि तुम संभल पाओ, जाने का समय हो जाएगा। कोई नहीं रहेगा।
सब कुछ बदलेगा।
तुम बदलाव नहीं चाहते हो पर बदलाव होता है तुम्हारे जीवन में, और एक ऐसा बदलाव होगा तुम्हारे जीवन में, ऐसा बदलाव होगा, ऐसा बदलाव होगा, जिसके बारे में तुम सोंच भी नहीं सकते।
तो मैं ये सब कुछ क्यों कह रहा हूँ ? मैं इस लिए कह रहा हूँ, कि, "तुमको अपने जीवन में सबसे पहली चीज़ क्या होनी चाहिए", इसको समझना बहुत ज़रूरी है।
क्यों ? क्यों ज़रूरी है ?
इस लिए ज़रूरी है, कि जितना समय तुम चाहते हो, या जितना समय तुम सोंचते हो कि तुम्हारे पास है, उतना समय तुम्हारे पास नहीं है। तो जब समय नहीं है तो सबसे पहले वो करना चाहिए जो सबसे ज़रूरी है। नहीं ?
"मानुष जनम अनमोल रे, माटी में न रोल रे अब तो मिला है, फिर न मिलेगा, कभी नहीं, कभी नहीं, कभी नहीं रे।"